by Suraj Kothiyal | Jun 15, 2019 | Uncategorized
इन पहाड़ों में मैं बड़ा हुआ , इस मिट्टी से हूँ जुड़ा हुआ , एक ही सपना देखा अब तक, बन के रहुँगा , इस देश का रक्षक ! हर दरिया पार कर जाऊंगा, एक घातक हथियार बन जाऊंगा , पा के रहुंगा , सरहद की झलक , बन के रहुँगा , इस देश का रक्षक ! तिरंगा हर चोटी पर लहराऊंगा , हँसते हँसते...
by Suraj Kothiyal | May 23, 2019 | Uncategorized
काश ये बेजुबान बोल पाते ! तो हम ना इन्हे यूँ बेरहमी से खाते , इनकी मार्मिक चीख पुकार सुन, शायद तुम भी शाकाहारी हो जाते। काश ये बेजुबान बोल पाते ! तो हम ना इनसे लठ मार काम कराते , दो चार नसीहतें ये तुम्हें भी सुनाते , शायद तुम थोड़ा कम आलसी हो जाते। काश ये बेजुबान...
by Suraj Kothiyal | Feb 14, 2019 | Uncategorized
मेरी दुनिया का वो एक अनमोल तारा था , हमें वह अपनी जान से भी प्यारा था , झूझते-झूझते एक दिन उनकी साँसे थमी , तुमने उनकी चीजें रखी, हमने यादें रखी !!! उनके जाने के बाद, चारों तरफ अँधेरा था , तुम्हारे बनावटी आंसु , सिर्फ एक छलावा था, ...
by Suraj Kothiyal | Feb 14, 2019 | Poems
एक साल से तू मेरा सपना था , यूँ अचानक ही कैसे टूट गया , तेरी माँ को मैं , कैसे ये बताऊँ , बता, तुझे मैं कहाँ ले जाऊँ !!! तेरी दादी के यह बहते आंसु , कैसे मैं रोक पाऊँ , दर्द से झूझते तेरे दादा का गम, ...
by Suraj Kothiyal | Jan 11, 2018 | Uncategorized
उन आँखों की आस देख, उस चहेरे ने मुझे सम्मोहित किया, अपने कोमल पैरों पर खड़ा हो , माँ का हाथ पकड़, मैं चल दिया । आज उस चेहरे पर शिकन थी, ...