एक साल से तू मेरा सपना था ,
यूँ अचानक ही कैसे टूट गया ,
तेरी माँ को मैं , कैसे ये बताऊँ ,
बता, तुझे मैं कहाँ ले जाऊँ !!!
तेरी दादी के यह बहते आंसु ,
कैसे मैं रोक पाऊँ ,
दर्द से झूझते तेरे दादा का गम,
कैसे मैं मिटाऊँ ,
बता, तुझे मैं कहाँ ले जाऊँ !!!
घर में सब तुझसे मिलने को बेताब थे ,
तेरे दादा के न जाने कितने अरमान थे ,
आखिर किस किस को यह हादसा समझाऊं ,
बता, तुझे मैं कहाँ ले जाऊँ !!!
कुछ ना कुछ तो भूल हुई होगी मुझसे ,
इसका पता कैसे मैं लगाऊँ ,
अब न सह पाऊंगा तेरा बोझ ,
बता, तुझे मैं कहाँ ले जाऊँ !!!